हाईस्कूल फर्स्ट क्लास 46 साल की उम्र में पास, फतेहपुर में 7 बच्चों की मां ने किया कमाल

फतेहपुर
 गर हौसले हों बुलंद तो हर मंजिल आसान हो जाती है…कुछ इसी तरह का मामला उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले से सामने आया है। यहां 7 बच्चों की 46 वर्षीय मां ने साबित कर दिखाया कि शिक्षा के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं होती है। बस जरूरत है जज्बे की। महिला ने बेटे के बात-बात पर जाहिल बोलने पर शिक्षित होने का दृढ़ संकल्प किया और हाईस्कूल की परीक्षा में फर्स्ट क्लास आकर मिसाल पेश कर दी। इस मां ने न केवल अपने बच्चों को आश्चर्यचकित किया बल्कि समाज की अन्‍य घरेलू महिलाओं को भी शिक्षा के प्रति प्रेरित करने का संदेश दिया है।

जानकारी के मुताबिक, सदर तहसील के फतेहपुर शहर स्थित सैय्यदवाड़ा मोहल्ले की रहने वाली तरन्नुम परवीन की 6 बेटियां और एक बेटा है। बेटा लाड-प्यार में अपनी मां को बात-बात पर जाहिल (अनपढ़) कह देता था। हालांकि बेटियां अपने भाई को समझाती थी कि मां को ऐसे नहीं बोला जाता। बेटे की यह बात महिला को चुभ गई। उसने ठान लिया कि अब वह शिक्षित होकर रहेगी।
एलएलबी कर शोषित महिलाओं को दिलाएगी न्याय

तरन्नुम ने यूपी बोर्ड से प्राइवेट हाई स्कूल करने का मन बनाया और राजकीय गर्ल्स इंटर कॉलेज मलवां से एग्जाम के लिए फॉर्म भर दिया। इसके बाद दिन-रात मेहनत और लगन से तरन्नुम ने हाई स्कूल फर्स्ट डिवीजन पास कर लिया। तरन्नुम का कहना है कि आगे भी वह शिक्षा जारी रखेंगी। उन्होंने इंटर करने के बाद पहले तो डी फार्मा करने की इच्छा जाहिर की। साथ ही दूसरे विकल्प के तौर पर एलएलबी कर समाज की दबी कुचली महिलाओं को न्याय दिलाने की बात भी की।

India Edge News Desk

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